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प्रणव मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित है

 


भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के और भारत रत्न से सम्मानित विशेष प्रतीभा के धनी राजनीती में अपनी साफ सुथरी छवि वाले पंश्चीम बंगाल के वीरभूमी में जन्मे भारत के वित्त मंत्री से राष्ट्रपति तक के सफ़र में  बेजोड़ स्मरणशक्ति वाला, आंकड़ाप्रेमी और अपना अस्तित्व बरकरार रखने की अचूक इच्छाशक्ति रखने वाले एक राजनेता के रूप में वर्णित किया जाता है। आज वो हमारे बीच नहीं रहे परन्तु उनकी प्रतिभा का परिचय भारत में हमेशा दिखाई देगा।
भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे

मुखर्जी की खुद की छवि पाक-साफ है, परन्तु सन् 1998 में रीडिफ.कॉम को दिये गये एक साक्षात्कार में उनसे जब कांग्रेस सरकार, जिसमें वह विदेश मंत्री थे, पर लगे भ्रष्टाचार के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा -


"भ्रष्टाचार एक मुद्दा है। घोषणा पत्र में हमने इससे निपटने की बात कही है। लेकिन मैं यह कहते हुए क्षमा चाहता हूँ कि ये घोटाले केवल कांग्रेस या कांग्रेस सरकार तक ही सीमित नहीं हैं। बहुत सारे घोटाले हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेता उनमें शामिल हैं। तो यह कहना काफी सरल है कि कांग्रेस सरकार भी इन घोटालों में शामिल थी।

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