योग
भारत की भूमि से निकला योग भारतीय ऋषि मुनियों की देन है योग का मूल अर्थ है जोड़ जो तन को मन से, जीवन को स्वास्थ्य से, आदि को अंत से जोड़ता है, युग और भी कई चीजों को अपने अंदर समाहित किया है परंतु एक स्वस्थ युग की शुरुआत या होने की बात हम ही लोग योग से ही संभव कर सकते हैं।
जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं परंतु इन उतार-चढ़ाव के चक्कर में हम अपने स्वास्थ्य का संपूर्ण ज्ञान ध्यान नहीं रख पाते पता हमें प्रतिदिन कुछ न कुछ अपने लिए समय निकालना चाहिए जिससे योग करके मन को स्वस्थ और तन को निरोग बनाया जा सके।
योग अंतर मन और अंतर्ध्यान को एक साथ लिए चलता है जितनी ज्यादा चंचलता मन कि होती है योग उतनी ही चंचल रूप में चलने की कोशिश करती है, जिससे स्वस्थय मस्तिष्क का निर्माण हो सके और परिवर्तित करने के साथ जीवन में खुशहाली लाते।
२१ जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जिसको भारत के पहल से ही योगात्मक विनिर्माण रूप दिया गया है।
भारत की भूमि से निकला योग भारतीय ऋषि मुनियों की देन है योग का मूल अर्थ है जोड़ जो तन को मन से, जीवन को स्वास्थ्य से, आदि को अंत से जोड़ता है, युग और भी कई चीजों को अपने अंदर समाहित किया है परंतु एक स्वस्थ युग की शुरुआत या होने की बात हम ही लोग योग से ही संभव कर सकते हैं।
जीवन में उतार-चढ़ाव लगे रहते हैं परंतु इन उतार-चढ़ाव के चक्कर में हम अपने स्वास्थ्य का संपूर्ण ज्ञान ध्यान नहीं रख पाते पता हमें प्रतिदिन कुछ न कुछ अपने लिए समय निकालना चाहिए जिससे योग करके मन को स्वस्थ और तन को निरोग बनाया जा सके।
योग अंतर मन और अंतर्ध्यान को एक साथ लिए चलता है जितनी ज्यादा चंचलता मन कि होती है योग उतनी ही चंचल रूप में चलने की कोशिश करती है, जिससे स्वस्थय मस्तिष्क का निर्माण हो सके और परिवर्तित करने के साथ जीवन में खुशहाली लाते।
२१ जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जिसको भारत के पहल से ही योगात्मक विनिर्माण रूप दिया गया है।
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